यदि आपको संख्युओं से सम्बंधित basic जानकारी नहीं है तो निचे दिए पोस्ट को एक बार जरुर पढ़ लिजिएगा-
- वास्तविक संख्या से सम्बंधित अनुप्रयोगों पर आधारित प्रश्नों को हल करना सीखें
- Algebraic Identities पर आधारित Questions आसानी से Solve करे
- दो परिमेय संख्याओ के बिच परिमेय संख्या निकालने का सबसे आसान तरीका सीखें
वास्तविक संख्याये (Real numbers) दो प्रकार के होते है Rational number (परिमेय संख्या ) और irrational number (अपरिमेय संख्या ).यदि आप इन संख्याओं के बारे में जानकारी नहीं है तो ऊपर दिया गया पोस्ट जरुर पढ़ लिजिएगा
Irrational number क्या है इसको सत्यापित करना सीखें
दोस्तों irrational number को सत्यापित करने से पहले हमें यह जानना अवश्यक है की irrational number क्या है तो आइये इसको इनके परिभासा से समझने का प्रयास करते है.
Irrational number क्या है :-
वैसी संख्याये जिसको ” p /q जहाँ q ≠0 ” के रूप में नहीं लिखा जा सकता है उसे हम irrational number (अपरिमेय संख्या ) कहते है, Irrational number हमेसा under root “√” के अन्दर रहता है. जैसे –
√2 , √3 , √5 ,√11 etc अपरिमेय संख्याओं के उदहारण है.
so , कोई भी irrational number (अपरिमेय संख्या ) हमेसा √p के रूप में रहती है जहाँ p एक अभाज्य संख्या है और p एक पूर्ण वर्ग संख्या नहीं है.
आसा है की आप Irrational number क्या है समझ पाए है अब निचे दिए गए नियम को ध्यान से समझने का प्रयास करिए.
Fundamental Theorem of Arithmetic (अंक गणित का आधारभूत प्रमेय) :-
मान लीजिये की p एक अभाज्य संख्या है यदि p , a 2 को विभाजित करती है तो p , a को भी विभाजित करेगी जहाँ a एक धनात्मक पूर्णांक है.
इस नियम को हम अंक गणित के आधारभुत प्रमेय के नाम से जानते है इसको हम कुछ उदहारण के साथ समझने का प्रयास करते है-
मान लिया की “6 2 = 36″ कोई संख्या है और कोई संख्या p =3 है यदि 36 , 3 से विभाजित है तो 6 भी तिन से विभाजित है.
दिए गए इन नियमों के द्वारा दी गई संख्या एक अपरिमेय संख्या है सत्यापित करने का प्रयास करेंगेऔर जानेगें Irrational number क्या है तो आइये देखते है.
Q(1) सिद्ध कीजिये की √2 एक अपरिमेय संख्या है.
हल :- मान लिया की √2 एक परिमेय संख्या है अर्थात इसको p/q के रूप में लिखा जा सकता है.
so , p/q =√2 ——(i) जहाँ q ≠0 ,और p और q का कोई भी उभयनिस्ट गुणनखंड नहीं है.
अब समीकरण (1) के दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
=> ( p / q ) 2 =( √2 )2
so , p 2 / q 2 = 2
so , p 2 = 2 q 2
so ,2 q 2 = p 2
so , q 2 = p 2 /2 ——(ii)
समीकरण (ii) को देखकर कह सकते है की p 2 में 2 से भाग देने पर q 2 प्राप्त हुआ है
अब अंक गणित के आधारभुत प्रमेय (जो हमने ऊपर पढ़ा है ) से हम जानते है की –
यदि p 2 , 2 से विभाजित है इसलिए p भी 2 से विभाजित होगा.
अब समीकरण (ii) में p =2 r रखने पर –
=> q 2 = p 2 /2 ——(ii)
so , q 2 = (2 r) 2 /2
so , q 2 = 4 r 2 /2 =2 r 2
so , q 2 =2 r 2
so , 2 r 2 = q 2
finally r 2 = q 2 / 2 ——(iii)
समीकरण (iii) को देखकर कह सकते है की q 2 में 2 से भाग देने पर r 2 प्राप्त हुआ है
अब अंक गणित के आधारभुत प्रमेय (जो हमने ऊपर पढ़ा है ) से हम जानते है की –
यदि q 2 , 2 से विभाजित है इसलिए q भी 2 से विभाजित होगा.
finally समीकरण (i) और (ii) से हम पाते है की p और q दोनों 2 से विभाजित है अर्थात 2 , p और q का उभयनिस्ट गुणनखंड है ,
जबकि समीकरण (i) में हमने माना है की p और q का कोई भी उभयनिस्ट गुणनखंड नहीं है अर्थात हमारी मान्यता गलत है
so यह सिद्ध होता है की √2 एक अपरिमेय संख्या है proved
Q(2) सिद्ध कीजिये की √3 एक अपरिमेय संख्या है.
हल :- मान लिया की √3 एक परिमेय संख्या है अर्थात इसको p/q के रूप में लिखा जा सकता है.
so , p/q =√3 ——(i) जहाँ q ≠0 ,और p और q का कोई भी उभयनिस्ट गुणनखंड नहीं है.
अब समीकरण (1) के दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
=> ( p / q ) 2 =( √3 )2
so , p 2 / q 2 = 3
so , p 2 = 3q 2
so , 3 q 2 = p 2
finally , q 2 = p 2 /3 ——(ii)
समीकरण (ii) को देखकर कह सकते है की p 2 में 3 से भाग देने पर q 2 प्राप्त हुआ है
अब अंक गणित के आधारभुत प्रमेय (जो हमने ऊपर पढ़ा है ) से हम जानते है की –
यदि p 2 , 3 से विभाजित है इसलिए p भी 3 से विभाजित होगा.
अब समीकरण (ii) में p =3 r रखने पर –
so , q 2 = p 2 /3 ——(ii)
so , q 2 = (3 r) 2 / 3
so , q 2 = 9 r 2 / 3 =3 r 2
so , q 2 = 3 r 2
so , 3 r 2 = q 2
so , r 2 = q 2 / 3 ——(iii)
समीकरण (iii) को देखकर कह सकते है की q 2 में 3 से भाग देने पर r 2 प्राप्त हुआ है
अब अंक गणित के आधारभुत प्रमेय (जो हमने ऊपर पढ़ा है ) से हम जानते है की –
यदि q 2 , 3 से विभाजित है इसलिए q भी 3 से विभाजित होगा.
finally समीकरण (i) और (ii) से हम पाते है की p और q दोनों 3 से विभाजित है अर्थात 3 , p और q का उभयनिस्ट गुणनखंड है ,
जबकि समीकरण (i) में हमने माना है की p और q का कोई भी उभयनिस्ट गुणनखंड नहीं है अर्थात हमारी मान्यता गलत है
so यह सिद्ध होता है की √3 एक अपरिमेय संख्या है proved
- Trigonometry के basic question को solve करना सीखें
- Special angles trigonometric ratios से सम्बंधित प्रश्न हल करें
- Complementary angles trigonometric ratios पर आधारित प्रश्न हल करें
Q(3) सिद्ध कीजिये की √5 एक अपरिमेय संख्या है.
हल :- मान लिया की √5 एक परिमेय संख्या है अर्थात इसको p/q के रूप में लिखा जा सकता है.
so , p/q =√5 ——(i) जहाँ q ≠0 ,और p और q का कोई भी उभयनिस्ट गुणनखंड नहीं है.
अब समीकरण (1) के दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
so , ( p / q ) 2 =( √5 )2
so , p 2 / q 2 = 5
so , p 2 = 5q 2
so , 5 q 2 = p 2
so , q 2 = p 2 /5 ——(ii)
समीकरण (ii) को देखकर कह सकते है की p 2 में 5 से भाग देने पर q 2 प्राप्त हुआ है
अब अंक गणित के आधारभुत प्रमेय (जो हमने ऊपर पढ़ा है ) से हम जानते है की –
यदि p 2 , 5 से विभाजित है इसलिए p भी 5 से विभाजित होगा.
अब समीकरण (ii) में p =5 r रखने पर –
so , q 2 = p 2 /5 ——(ii)
so, q 2 = (5 r) 2 / 5
so , q 2 = 25 r 2 / 5 =5 r 2
so, q 2 = 5 r 2
so , 5 r 2 = q 2
so, r 2 = q 2 / 5 ——(iii)
समीकरण (iii) को देखकर कह सकते है की q 2 में 5 से भाग देने पर r 2 प्राप्त हुआ है
अब अंक गणित के आधारभुत प्रमेय (जो हमने ऊपर पढ़ा है ) से हम जानते है की –
यदि q 2 , 5 से विभाजित है इसलिए q भी 5 से विभाजित होगा.
finally समीकरण (i) और (ii) से हम पाते है की p और q दोनों 5 से विभाजित है अर्थात 5 , p और q का उभयनिस्ट गुणनखंड है ,
जबकि समीकरण (i) में हमने माना है की p और q का कोई भी उभयनिस्ट गुणनखंड नहीं है अर्थात हमारी मान्यता गलत है
so यह सिद्ध होता है की √5 एक अपरिमेय संख्या है proved
Q(4) दर्शाइए की 3 + 2√5 एक अपरिमेय संख्या है .
हल :- मान लिया की 3 +2 √5 एक परिमेय संख्या है इसलिए –
so , p /q =3 + 2 √5 , जहाँ p और q एक पूर्णाक है q≠ 0.
so , 2 √5 = 3 -(p /q)
so , √3 = (3 q -p ) /2 q
ऊपर दिए गए समीकरण में √3 एक अपरिमेय संख्या है जबकी p और q एक पूर्णाक है इसलिए (3 q -p ) /2 q एक परिमेय संख्या है
जो एक विरोधाभास प्राप्त होता है so हमारा मान्यता गलत है
अतः प्रमाणित होता है की 3 +2 √5 एक अपरिमेय संख्या है proved
Q(5) दर्शाइए की 3√2 एक अपरिमेय संख्या है .
हल :- मान लिया की 3√2 एक परिमेय संख्या है
so , p /q =3√2 , जहाँ p और q एक पूर्णाक है q≠ 0.
so , √2 = p/3 q
ऊपर दिए गए समीकरण में √2 एक अपरिमेय संख्या है जबकी p और q एक पूर्णाक है इसलिए p/3 q एक परिमेय संख्या है
जो एक विरोधाभास प्राप्त होता है so हमारा मान्यता गलत है
अतः प्रमाणित होता है की 3√2 एक अपरिमेय संख्या है proved
- Trigonometric identities पर आधारित प्रश्नों को हल करना सीखें
- Geometry के Basic Concept को समझने का प्रयास करिए
- दो परिमेय संख्याओ के बिच परिमेय संख्या निकालने का सबसे आसान तरीका सीखें
Q(6) दर्शाइए की 5 – √3 एक अपरिमेय संख्या है .
हल :- मान लिया की 5 -√3 एक परिमेय संख्या है
इसलिए , p /q =5 -√3 , जहाँ p और q एक पूर्णाक है q≠ 0.
so , √3 = 5 -p /q
so , √3 = (5 q -p ) /q
ऊपर दिए गए समीकरण में √3 एक अपरिमेय संख्या है जबकी p और q एक पूर्णाक है इसलिए (5 q -p ) /q एक परिमेय संख्या है
जो एक विरोधाभास प्राप्त होता है so हमारा मान्यता गलत है
अतः प्रमाणित होता है की 5 -√3 एक अपरिमेय संख्या है proved
Q(7) दर्शाइए की 6 + √2 एक अपरिमेय संख्या है .
हल :- मान लिया की 6 + √2 एक परिमेय संख्या है
=> p /q =6 + √2 , जहाँ p और q एक पूर्णाक है q≠ 0.
so , √2 = p /q – 6
so , √3 = (p-6 q ) /q
ऊपर दिए गए समीकरण में √3 एक अपरिमेय संख्या है जबकी p और q एक पूर्णाक है इसलिए (p – 6 q ) /q एक परिमेय संख्या है
जो एक विरोधाभास प्राप्त होता है so हमारा मान्यता गलत है
अतः प्रमाणित होता है की 6 + √2 एक अपरिमेय संख्या है proved
Q(8) दर्शाइए की 7√5 एक अपरिमेय संख्या है .
हल :- मान लिया की 7√5 एक परिमेय संख्या है
so , p /q =7√5 , जहाँ p और q एक पूर्णाक है q≠ 0.
so , √5 = p/7 q
ऊपर दिए गए समीकरण में √5 एक अपरिमेय संख्या है जबकी p और q एक पूर्णाक है इसलिए p/7 q एक परिमेय संख्या है
जो एक विरोधाभास प्राप्त होता है so हमारा मान्यता गलत है
अतः प्रमाणित होता है की 7√5 एक अपरिमेय संख्या है proved
Q(5) दर्शाइए की 1/√2 एक अपरिमेय संख्या है .
हल :- मान लिया की 1/√2 एक परिमेय संख्या है
so , p /q =1/√2 , जहाँ p और q एक पूर्णाक है q≠ 0.
so , √2 = q/p
ऊपर दिए गए समीकरण में √2 एक अपरिमेय संख्या है जबकी p और q एक पूर्णाक है इसलिए q/p एक परिमेय संख्या है
जो एक विरोधाभास प्राप्त होता है so हमारा मान्यता गलत है
अतः प्रमाणित होता है की 1 /√2 एक अपरिमेय संख्या है proved
दोस्तों हमें आशाहै की Irrational number क्या है आप समझ गए है इनपर आधारित प्रश्नों को एक बार अवश्य प्रैक्टिस कर लो
मै आपसे वादा करता हु की आप Irrational number क्या है समझ पायेगें और इसके basic प्रश्नों को हल करने में कभी नहीं फसेगे.
- Polynomial Function पर आधारित basic अनुप्रयोगों को समझें
वास्तविक संख्या से सम्बंधित अनुप्रयोगों पर आधारित प्रश्नों को हल करना सीखें
हम इस पोस्ट में केवल हमने Irrational number क्या है बताया है So यदि आप Irrational number क्या है समझना चाहते है तो ऊपर दिए गए नियमों को हमेसा अपने दिमाग में याद रखें.
So यदि आपके दिमाग में इस टॉपिक से Related कोई भी प्रश्न हो तो हमें जरुर कमेंट करें मै आपसे वादा करता हूँ आपको आपके प्रश्न का हल जरुर दिया जायेगा.
दोस्तों finally मै आसा करता हु की Irrational number क्या है आपको समझ में आ गया होगा So यदि इस पोस्ट में आपको कोई doubt हो या कुछ न समझ में आया हो तो हमें कमेंट के जरिये बताये यदि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे like करे share करे-
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